1-कालपुरूष की तिसरी राषि मिथून हैं. मिथून राषि का अधिपति बुध हैं.बुध यह युवराज ग्रहों में माना जाता हैं.मिथून यह वायु तत्व और द्वि-स्वभाव राषि हैं.
2-जिस प्रकार से वायु अपनी दिषा बदलती हैं उसी प्रकार मिथून जातक के स्वभाव में परिवर्तन होता रहता हैं.
3-मिथून जातको को हरा रंग प्रिय होता हैं.हरा रंग विकास का, नईषक्ति और रचनात्मकता का प्रतीक होता हैं.
4-मिथून जातक रचनाषील होते हैं.नये विचारों वाले होते हैं.नये ढंग के उद्यमों में रूचि होती हैं.ये कुछ न कुछ कर दिखाने को तत्पर होते हैं.हरा रंग इन सभी गतिविधियों को बढाता हैं और श्रेष्ठ बनाता हैं.
5-मिथून राषि के लिए काला रंग भी उपयोगी सिध्द हो सकता हैं.काला रंग गंभीरता और स्थिरता का प्रतीक हैं.जो मिथून जातको के अस्थिर स्वभाव को कम करके स्थिरता ला सकता हैं. इनकी बहुमुखी क्षमता को सही मार्ग,सही दिषा प्रदान करता हैं.
6-सफेद और गुलाबी रंग भी इनको अनुकुल हो सकते हैं.
7-लाल रंग और उसमे मिलते जुलते रंग इनकी बेचैनी बढा सकते हैं.असंतोष उत्पन्न कर सकते हैं.
8-मिथून जातक आमतौर पर फॅषन के अनुरूप कपडे पहनते हैं.
9-इन्हें हरे रंग का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए.
इस प्रकार मिथून जातक और रंगों का ज्योतिषीय हिसाब से परिचय होता हैं.
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