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40 विवाह मूहूर्त
नवंबर से मार्च 2017 तक कुल 40 विवाह मूहूर्त
भारतीय संस्कृति में 16 संस्कारो की परंपरा हैं.गर्भाधान से लेकर के अंत्येष्टि तक 16 संस्कार सनातन हिंदू परंपरा में बतलाये हैं.इसमें से काफी संस्कारो की महत्ता कम हो गई हैं परंतु कुछ संस्कार आज भी प्रासंगिक हैं और उसे पहले से भी अधिक प्रधानता दी जाती हैं उसी में से एक हें विवाह संस्कार. विवाह संस्कार के लिये सबसे मूख्य बिंदू हैं मूूहूर्त का.
ज्योतिष में मूहूर्त शास्त्र में मूहूर्त के विषय में विस्तार से बतलाया गया हैं.कौन से मास में विवाह करना चाहिए किन नक्षत्रो में विवाह संपन्न हो.सूर्य किस राशि में हो,देवगुरू बृहस्पति तथा विवाह कारक शुक्र की स्थिती प्रबल हो, वर तथा वधू को सूर्य,बृहस्पति तथा चंद्र अनुकुल हैं या नहीं.जिस दिन पाणिग्रहण संस्कार करना हैं उस समय की ग्रह स्थिती किस प्रकार की हो.इतनी बातो का विचार बडी सूक्ष्मता से किया जाता हैं.क्षेत्र भेद से, भाषा भेद से इन मुहुर्तो में अंतर आता हैं परंतु फिर भी वर्ष के 365 दिन में से मुश्किल से 50 से 60 मूहूर्त आमतौर पर होते हैं.
मूहूर्त शास्त्र के हिसाब से देव शयनी एकादशी से देव प्रबोधीनी एकादशी यानि लगभग 4 महिने विवाह मूहूर्त नहंी होते.ज्योतिष के अनुसार सुर्य वृश्चिक राशि में हो तब विवाह के मूहूर्त होते हैं.उत्तर भारतीय मान्यता के अनुसार धनु तथा मीन के सुर्य में विवाह का निषेध होता हैं.इसे खर मास या मल मास कहते हैं.वहीं महाराष्टीय मान्यता के अनुसार पौष मास विवाह में वर्जित माना जाता हैं.इसकारण दोनो के विवाह मूहर्त में अंतर होता हैं.
उत्तर भारतीय मान्यता के अनुसार इस वर्ष नवंबर,दिसंबर तथा अगले वर्ष 2017 में जनवरी,फरवरी तथा मार्च में सामान्यतौर पर ये विवाह के मूहूर्त हैं.
नवंबर-16,21,23,24,25,26,30, दिसंबर-01,03,04,05,08,09,10,12,13 इसके पश्चात् 15 दिसंबर से सूर्य धनु राशी में प्रवेश करेगा इसकारण उत्तर भारतीय मान्यता के अनुसार मूहूर्त नहंी हैं.
जनवरी में 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में संक्रमण करेगे तब से पुनः विवाह मूहूर्त प्रारंभ होगे.
जनवरी- 15,16,17,18,19,20,22,23,28,29 फरवरी-01,03,05,06,11,15,16,18,19,21,23,28,
मार्च- 4, फिर उत्तर भारतीय मान्यता के अनुसार 5 मार्च से होलाष्टक लगेगे. जो कि 12 मार्च तक हैं. एक दिन और अति आवश्यक हो तब बनता हैं. 13 मार्च का. फिर 14 मार्च से सुर्य मीन राशि में आने से पुनः खर मास यानि की मल मास प्रारंभ होगा.जिससे विवाह मूहूर्त 14 अप्रैल के पश्चात ही होगे.
पं. सुदर्शन ओमप्रकाश शर्मा