ब्रम्हांड में सब कुछ रंगीन हैं.ब्रम्हाजी ने सारे संसार को इतना सुंदर और विलोभनीय बनाया हैं जिसका षब्दों में वर्णन करना असंभव हैं.प्रकृति के सौदर्य को बढाने का कार्य रंग करते हैं.हम देखते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को एक विषेष रंग प्रिय होता हैं.वह रंग देख कर बरबस ही वह ही आकर्षित हो जाता हैं.ज्योतिष में भी रंगों का अपना महत्व हैं.रंगों और ग्रहों का सीधा संबंध हैं.जिस प्रकार केबल डीष के द्वारा विविध चैनलों के संकेत पकड कर आप तक पहॅंूचाया जाता हैं.उसी प्रकार रंग भी हमारे ब्रम्हांड के ग्रहों को अपनी किरणों के द्वारा आकर्षित करते हैं.आज से हम प्रारंभ करने जा रहे हैं कलर थैरेपी.इसमें हम आपको प्रत्येक राषि और उससे संबंध रंगों के विषय में बतलाएगें.आज हम प्रथम राषि मेष पर दृष्टि डालेगें.
1-मेष राषि का स्वामी मंगल हैं.मंगल युध्द प्रिय और आक्रमक माना जाता हैं.
2-लाल रंग मेष राषि से संबंध रखता हैं.लाल रंग आक्रमकता,उर्जा,कर्मठता और षुध्दता का प्रतिक हैं.
3-यही वह रंग हैं जो विष्व को झुकाने की ताकत रखता हैं.
4-जब मेष जातको को गुस्सा आता हैं,उनका रक्तचाप बढता हैं तब उन्हेंषांत करना आवष्यक होता हैं.षांत करने के लिए सफेद तथा क्रीम रंग का उपयोग लाभदायक होता हैं.
5-मेष राषि वाले जातको ने काले, गहरे नीले रंग से बचना चाहिए.
6-सफेद और गुलाबी रंग मेष जातकों के उग्र स्वभाव को नरम बना देता हैं.
7-सुनहरा पीला,गहरा पीला,भगवा रंग भी मेष राषि वाले जातको को सुकुन देते हैं.
8-मेष जातकों को हर मंगलवारलाल रंग पहनना चाहिए तथा लाल रंग की रूमाल अपनी जेब में रखनी चाहिए.
इस प्रकार से मेष जातको के लिए रंगो केषुभ अषुभ परिणाम होते हैं.
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